नई दिल्ली : आरबीआई के द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एआई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशिन लर्निंग पर बढ़ रही निर्भरता को लेकर चिंता जतायी है। सोमवार को इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा है कि ऋणदाताओं को बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की खूबियों का लाभ उठाने की भी बात कही है।
उन्होंने कहा कि एआई और एमएल जैसी नवीनतम टेक्नोलॉजी प्रगति ने वित्तीय संस्थानों के लिए कारोबार और लाभ विस्तार के नए रास्ते खोले हैं। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये प्रौद्योगिकियां वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम भी पैदा करती हैं।
हो सकता है कॉन्संट्रेशनल रिस्क
यहां सेंट्रल बैंक आरबीआई के द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “एआई पर भारी निर्भरता से कॉन्संट्रेशनल रिस्क पैदा हो सकता है, खासकर तब जब बाजार पर कम संख्या में टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर का दबदबा हो। इससे सिस्टमेटिक रिस्क बढ़ सकता है, क्योंकि इन सिस्टम्स में विफलता या व्यवधान पूरे फाइनेंशियल सेक्टर में फैल सकता है।”
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