टोरंटो: निज्जर हत्या मामले में कनाडा और भारत के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। कनाडाई सरकार ने भारत के उच्चायुक्त और उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनायिक पर मामले में संलिप्तता का आरोप लगाया है। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अस्वीकार कर दिया। मामला यही नहीं रुका। आगे बढ़ा। दोनों देशों के उच्चाधिकारियों के बयान आने शुरू हो गए। उधर भारत ने कठोर कदम उठा लिया।
भारत सरकार ने कनाडा ने अपने उच्चायुक्त और राजनायिकों को वापस बुला लिया।यही नहीं कनाडाई राजनायिकों को देश से निष्काषित कर दिया। 19 अक्टूबर तक देश से निकल जाने का आदेश दे दिया है। इधर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार से जुड़ी हिंसक आपराधिक गतिविधि की चल रही जांच पर बयान जारी किया है।
ट्रूडो ने कहा, कनाडा एक ऐसा देश है जो कानून के शासन में निहित है, जहां हमारे नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है। यही कारण है कि, जब हमारी कानून प्रवर्तन और खुफिया सेवाओं ने विश्वसनीय आरोपों की जांच शुरू की कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे। तो हमने इस पर जवाब दिया।
भारत सरकार नहीं दे रही साथ
ट्रृूडो कहते हैं, हमने भारत सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया और उनसे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने के लिए हमारे साथ काम करने को कहा। साथ ही, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने के लिए अपने पास मौजूद सभी उपकरणों का इस्तेमाल किया है। आज, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को देखते हुए, हम कनाडाई लोगों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठा रहे हैं।
भारत के खिलाफ पार्यप्त सबूत है
जैसा कि RCMP के आयुक्त माइक डुहेम ने आज पहले कहा, RCMP के पास स्पष्ट और पर्याप्त सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और शामिल होते रहे हैं जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करती हैं। इसमें गुप्त सूचना एकत्र करने की तकनीकें, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को लक्षित करने वाला बलपूर्वक व्यवहार और हत्या सहित एक दर्जन से अधिक धमकी भरे और हिंसक कृत्यों में शामिल होना शामिल है। यह अस्वीकार्य है।
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